प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की पहली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना का शुभारम्भ किया
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 जून 2016 को देश में तैयार की गयी पहली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) (NDMP) का शुभारम्भ किया गया. योजना में आपदा से निपटने की क्षमता बढ़ाने और जानमाल का नुकसान कम करने पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जायेगा.
आपदा प्रबंधन योजना समुदायों को आपदाओं से निपटने, उन्हें आपदाओं के प्रति तैयार करने, सूचना देने, शिक्षा और संचार गतिविधियों की अधिक आवश्यकता पर जोर दिया है.
योजना सेंडाइ फ्रेमवर्क अर्थात् चार प्राथमिकविषयों पर आधारित है. जो निम्न है-
• आपदा जोखिम को समझना,
• आपदा जोखिम प्रशासन में सुधार,
• आपदा जोखिम में कमी में निवेश (संरचनात्मक और गैर संरचनात्मक उपायों के माध्यम से),
• आपदा पूर्व तैयारी, समय पूर्व चेतावनी, और आपदाका पूर्व आंकलन
योजना की मुख्य विशेषताएं-
• योजना में आपदा प्रबंधन के सभी चरण जिसमे रोकथाम, शमन, प्रतिक्रिया और प्रतिलाभ शामिल किए गए हैं.
• यह सभी एजेंसियों और सरकारी विभागों के बीच क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर एकीकरण प्रदान करता है.
• योजना सभी सरकारी स्तरों शहरी, स्थानीय निकाय पंचायत स्तर पर मैट्रिक्स प्रारूप में भूमिका और जिम्मेदारियों की वाहक है.
• इस योजना का एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण है जो विकास की योजना बनाने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के लिए फायदेमंद होगा.
• योजना को इस तरह तैयार किया गया है कि यह आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में एक सामान ढंग से लागू की जा सकता है.
• योजना एक काम्प्रेहेंसिव डाक्यूमेंट है इसमे डिजास्टर मैनेजमेंट के सभी पहलू जैसे प्रिवेंशन, मिटिगेशन, प्रिपेयरनेस, पोस्ट डिजास्टर है रिसपोंस, रिलिफ, रिहेबिटेशन सारे एक्सपेक्ट इसमें कवर किए गए हैं.
• प्रारंभिक चेतावनी, सूचना प्रसार, चिकित्सा देखभाल, ईंधन, परिवहन, खोज और बचाव, निकासी, आदि प्रमुख गतिविधियों के प्रति भी आपदा एजेंसियों की जिम्मेवारी टी की गयी है.
• योजना प्रतिलाभ के लिए एक सामान्यीकृत रूपरेखा प्रदान करती है. स्थिति का आकलन करने और उसे बेहतर बनाने के के लिए भी लचीलापन प्रदान करती है.
• योजना में एक टाइम बाउण्ड डिडेक्शन शार्टट्रम पीरियड प्रोग्राम 5 साल के लिए 10 साल के लिए और 15 साल के भी दिया गया है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. पी जी धर चक्रवर्ती के अनुसार यह एक अच्छा कदम है.
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 जून 2016 को देश में तैयार की गयी पहली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) (NDMP) का शुभारम्भ किया गया. योजना में आपदा से निपटने की क्षमता बढ़ाने और जानमाल का नुकसान कम करने पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जायेगा.
आपदा प्रबंधन योजना समुदायों को आपदाओं से निपटने, उन्हें आपदाओं के प्रति तैयार करने, सूचना देने, शिक्षा और संचार गतिविधियों की अधिक आवश्यकता पर जोर दिया है.
योजना सेंडाइ फ्रेमवर्क अर्थात् चार प्राथमिकविषयों पर आधारित है. जो निम्न है-
• आपदा जोखिम को समझना,
• आपदा जोखिम प्रशासन में सुधार,
• आपदा जोखिम में कमी में निवेश (संरचनात्मक और गैर संरचनात्मक उपायों के माध्यम से),
• आपदा पूर्व तैयारी, समय पूर्व चेतावनी, और आपदाका पूर्व आंकलन
योजना की मुख्य विशेषताएं-
• योजना में आपदा प्रबंधन के सभी चरण जिसमे रोकथाम, शमन, प्रतिक्रिया और प्रतिलाभ शामिल किए गए हैं.
• यह सभी एजेंसियों और सरकारी विभागों के बीच क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर एकीकरण प्रदान करता है.
• योजना सभी सरकारी स्तरों शहरी, स्थानीय निकाय पंचायत स्तर पर मैट्रिक्स प्रारूप में भूमिका और जिम्मेदारियों की वाहक है.
• इस योजना का एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण है जो विकास की योजना बनाने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के लिए फायदेमंद होगा.
• योजना को इस तरह तैयार किया गया है कि यह आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में एक सामान ढंग से लागू की जा सकता है.
• योजना एक काम्प्रेहेंसिव डाक्यूमेंट है इसमे डिजास्टर मैनेजमेंट के सभी पहलू जैसे प्रिवेंशन, मिटिगेशन, प्रिपेयरनेस, पोस्ट डिजास्टर है रिसपोंस, रिलिफ, रिहेबिटेशन सारे एक्सपेक्ट इसमें कवर किए गए हैं.
• प्रारंभिक चेतावनी, सूचना प्रसार, चिकित्सा देखभाल, ईंधन, परिवहन, खोज और बचाव, निकासी, आदि प्रमुख गतिविधियों के प्रति भी आपदा एजेंसियों की जिम्मेवारी टी की गयी है.
• योजना प्रतिलाभ के लिए एक सामान्यीकृत रूपरेखा प्रदान करती है. स्थिति का आकलन करने और उसे बेहतर बनाने के के लिए भी लचीलापन प्रदान करती है.
• योजना में एक टाइम बाउण्ड डिडेक्शन शार्टट्रम पीरियड प्रोग्राम 5 साल के लिए 10 साल के लिए और 15 साल के भी दिया गया है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. पी जी धर चक्रवर्ती के अनुसार यह एक अच्छा कदम है.
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