भारत और कतर के बीच 7 अहम समझौते पर हस्ताक्षर
विश्व के प्रमुख तेल एवं गैस उत्पादक देश कतर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने 5 जून 2016 को दोनों देशों के बीच 7 अहम समझौते पर हस्ताक्षर हुआ.
महत्वपूर्ण समझौते:
• इसमें भारत और कतर के बीच वित्तीय खुफिया जानकारी के आदान प्रदान, ब्लैीक मनी रोकने और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने तथा गैस संपन्न खाड़ी देश से बुनियादी ढांचे में विदेशी निवेश आकर्षित करने सहित समझौते शामिल हैं.
• भारत और कतर के बीच स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और खेल के क्षेत्रों में सहयोग और निवेश पर भी समझौते हुए हैं.
• राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष में निवेश को लेकर कतर निवेश प्राधिकरण और विदेश मंत्रालय के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। यह गैस बहुल खाड़ी देश से विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा.

• वित्तीय खुफिया इकाई भारत (एफआईयू-इंडिया) और कतर वित्तीय सूचना इकाई (क्यूएफआईयू) के बीच हुए एक एमओयू पर हस्ताक्षर से धन के प्रवाह का पता लगाने और कतर से भारत में निवेश में मदद मिलेगी. इससे अधिकारियों को धन शोधन, आतंकवाद वित्त पोषण और अन्य आर्थिक अपराधों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी.
• सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक मदद को लेकर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ.
• पर्यटन में सहयोग पर भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ.
खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए कतर एक अहम व्यापारिक साझेदार है जिनके बीच साल 2014-15 में द्विपक्षीय व्यापार 15. 67 अरब डॉलर का था. यह कच्चे तेल के लिए भारत के अहम स्रोत देशों में एक है.
विश्व के प्रमुख तेल एवं गैस उत्पादक देश कतर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने 5 जून 2016 को दोनों देशों के बीच 7 अहम समझौते पर हस्ताक्षर हुआ.
महत्वपूर्ण समझौते:
• इसमें भारत और कतर के बीच वित्तीय खुफिया जानकारी के आदान प्रदान, ब्लैीक मनी रोकने और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने तथा गैस संपन्न खाड़ी देश से बुनियादी ढांचे में विदेशी निवेश आकर्षित करने सहित समझौते शामिल हैं.
• भारत और कतर के बीच स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और खेल के क्षेत्रों में सहयोग और निवेश पर भी समझौते हुए हैं.
• राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष में निवेश को लेकर कतर निवेश प्राधिकरण और विदेश मंत्रालय के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। यह गैस बहुल खाड़ी देश से विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा.

• वित्तीय खुफिया इकाई भारत (एफआईयू-इंडिया) और कतर वित्तीय सूचना इकाई (क्यूएफआईयू) के बीच हुए एक एमओयू पर हस्ताक्षर से धन के प्रवाह का पता लगाने और कतर से भारत में निवेश में मदद मिलेगी. इससे अधिकारियों को धन शोधन, आतंकवाद वित्त पोषण और अन्य आर्थिक अपराधों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी.
• सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक मदद को लेकर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ.
• पर्यटन में सहयोग पर भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ.
खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए कतर एक अहम व्यापारिक साझेदार है जिनके बीच साल 2014-15 में द्विपक्षीय व्यापार 15. 67 अरब डॉलर का था. यह कच्चे तेल के लिए भारत के अहम स्रोत देशों में एक है.
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