“नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है ,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है ,
चढ़कर गिरना , गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती ,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।“
Moreover,
“असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो , नींद चैन को त्यागो तुम ,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती ,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं
होती।“
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है ,
चढ़कर गिरना , गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती ,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।“
Moreover,
“असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो , नींद चैन को त्यागो तुम ,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती ,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं
होती।“
No comments:
Post a Comment
Thank u for your valuable comments