केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार की 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ 1 जून 2016 को डाक विभाग के अंतर्गत एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना को अपनी स्वीकृति प्रदान की.

भारतीय डाक भुगतान बैंक
• परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा.
• आईपीपीबी मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करेगा एवं सितंबर 2017 तक इसकी सेवाएं 670 भुगतान बैंक शाखाओं के माध्यम से देशभर में उपलब्ध होंगी.
• यह शाखाएं मोबाइल, एटीएम, पीओएस/एम-पीओएस उपकरणों एवं साधारण डिजिटल भुगतानों सहित अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डाक घरों और वैकल्पिक चैनलों से संबद्ध रहेंगी.
• इस परियोजना का कुल व्यय 800 करोड़ रुपये है.
• देश में औपचारिक बैंकिंग की परिधि से बाहर जनसंख्या के करीब 40 प्रतिशत नागरिक इस परियोजना से लाभान्वित होंगे.
पृष्ठभूमि
वर्ष 2015-16 के दौरान वित्तीय समावेशन के रूप में आईपीपीबी की स्थापना भी बजटीय घोषणाओं का एक अंग था. डाक विभाग ने भारतीय डाक भुगतान बैंक की स्थापना के लिए सितंबर 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक की ‘सैद्धांतिक रूप में स्वीकृति’ प्राप्त कर ली थी. भारतीय डाक भुगतान बैंक से देश-भर में उपभोक्ताओं के लिए आसान, कम कीमतों, गुणवत्ता युक्त वित्तीय सेवाओं की आसानी से पहुंच के लिए विभाग के नेटवर्क और संसाधनों का लाभ मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार की 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ 1 जून 2016 को डाक विभाग के अंतर्गत एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना को अपनी स्वीकृति प्रदान की.

भारतीय डाक भुगतान बैंक
• परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा.
• आईपीपीबी मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करेगा एवं सितंबर 2017 तक इसकी सेवाएं 670 भुगतान बैंक शाखाओं के माध्यम से देशभर में उपलब्ध होंगी.
• यह शाखाएं मोबाइल, एटीएम, पीओएस/एम-पीओएस उपकरणों एवं साधारण डिजिटल भुगतानों सहित अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डाक घरों और वैकल्पिक चैनलों से संबद्ध रहेंगी.
• इस परियोजना का कुल व्यय 800 करोड़ रुपये है.
• देश में औपचारिक बैंकिंग की परिधि से बाहर जनसंख्या के करीब 40 प्रतिशत नागरिक इस परियोजना से लाभान्वित होंगे.
पृष्ठभूमि
वर्ष 2015-16 के दौरान वित्तीय समावेशन के रूप में आईपीपीबी की स्थापना भी बजटीय घोषणाओं का एक अंग था. डाक विभाग ने भारतीय डाक भुगतान बैंक की स्थापना के लिए सितंबर 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक की ‘सैद्धांतिक रूप में स्वीकृति’ प्राप्त कर ली थी. भारतीय डाक भुगतान बैंक से देश-भर में उपभोक्ताओं के लिए आसान, कम कीमतों, गुणवत्ता युक्त वित्तीय सेवाओं की आसानी से पहुंच के लिए विभाग के नेटवर्क और संसाधनों का लाभ मिलेगा.
No comments:
Post a Comment
Thank u for your valuable comments